Emotional Story on Old Age House in hindi ! माँ बाप के लिए वृद्ध आश्रम
Emotional Story on Old Age House in hindi ! माँ बाप के लिए वृद्ध आश्रम
Emotional Story on Old Age House in hindi
“फैसला……
बुजुर्ग मोहन जी छत पर जमीन पे बिछाये गददे पर लेटे …
आसमान मे चांद और तारो को देख रहे थे
उम्र दराज हो गए थे और वैसे भी ऐसी अवस्था मे कुछ घंटो की नींद, मुश्किल से आती थी ….
पास मे उनकी धर्मपत्नी सुधाजी का भी रोज यही हाल रहता था…
खुद का बनाया मकान था रिटायरमेंट के सभी पैसे लगाकर एक अपना घर बनाया था….ताकि बुढापे मे पत्नी और बच्चों सहित चैन से बचा जीवन व्यतीत करेंगे मगर…..
दोनों बेटे कुछ ज्यादा ही समझदार निकले ….
जैसे ही दोनो बेटों की शादी हुई …
दोनों का व्यवहार बदलने लगा…दोनों के दो-दो बच्चे हो गये ….
और हालत घर के कमरे ही नही हर जगह जैसे बंट गयी हो….
तभी पत्नी सुधा का हाथ गाल पर महसूस हुआ…
सोने की कोशिश कीजिए…..
आज फिर बच्चो ने कुछ अपमानजनक कह दिया क्या…
बुजुर्ग मोहन जी बोले -नही….
पर आंसुओं ने सुधा के हाथ को गीला कर दिया …
Emotional Story on Old Age House in hindi
एक ने छुपाया तो दूसरे ने समझ लिया…
सुधा बोली -सुनो …..कई दिन से चारों बेटे बहूऐ…
पता नही देर तक चुपचाप क्या बातें करते रहते है…
कुछ पता है आपको….
मोहन जी -हूं….. सो जाओ …..
सुधा जबतक मे हूं तुम मत घबराओ …..
दो दिन बाद …
दोपहर में दोनों बेटे मोहन जी से बोले ….
पापा….. हम सभी ने काफी दिनों से सोचने के बाद फैसला किया है कि यह मकान बेच देंगे…
Emotional Story on Old Age House in hindi
अब छोटा पडता है और बच्चे बडे हो रहे है …
पुराना सा भी है …
हम दोनो भाई, रकम बांट कर , कुछ लोन , अरेंजमेंट करके अपने फ्लैट ले लेंगे….
मोहन जी और सुधा जी एकदम चुप होकर दोनों बेटों को देख रहे थे….
ओह ….तो ये विचार विमर्श चल रहा था कई दिन से …
बेटे और बहुऔ ने एक दूसरे को देखा …
बडी बहू जो बडे और अमीर घर से आयी थी …
बडे स्कूल कालेज मे पढी थी ने बात आगे बढाई….
पापा….आजकल प्रोफेशनल ओल्ड एज होम का कांसेप्ट है …
एक दम पांच सितारा होटल जैसे कमरे और सहूलियतें मिलती है बस हर महीने कुछ किराया देना होता है आपके चार -पांच साल के पैसे मकान बेचने से जो मिलेंगे, आप के खाते में जमा कर देंगे…
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और कभी कुछ चाहिए होगा तो हमसे मांग लेना …
आखिर हम आपके ही तो बच्चे है…
मोहन जी और सुधा ने बच्चों को देखा और फिर उनके चेहरों को जो बता रहे थे सबकी यही इच्छा है …. फिर भी दोनों खामोश रहे…
इस बीच छोटा बोला -भाभी ठीक कह रही है पापा ….हमारे परिवार के ही खर्चे बहुत ज्यादा हो गये है और बच्चो की पढाई, शादी वगैरह पर भी खर्चे होंगे पैसा अभी से जमा करने शुरू करेंगे तभी कुछ बनाएंगे …
मोहन जी ने सुधा जी को बहुत देर तक देखा …
वह भी उनको देख रही थी उनके चेहरे पर वही जिंदगी साथ गुजारने के भाव थे जब फेरे ले रहे थे …
चेहरे पर अब भी वही समर्पण के भाव थे ,जब पहली बार मोहन जी ने उनकी मांग भरी थी ….
बुजुर्ग मोहन जी सोचा और बोले – बच्चो, तुम्हारा आइडिया तो बहुत अच्छा है….
मैं सहमत हूं तुम्हारे आइडिया से….
चारों बेटे-बहुओ ने विजयी मुसकान और घोर सफल चाल पर एक दूसरे को देखा….
मोहन जी ने आगे कहा – मुझे पांच सितारा ओल्ड एज हाउस का आइडिया बहुत बढिया लगा ….
सुधा के गहने बेचकर , कुछ रकम लगाकर इसी घर में खोल दूंगा ….
आमदनी भी होगी हमारे जैसो बूढो को सहारा भी….
एक काम करो तुम सब कल यह मकान छोडकर चले जाना….
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कया …..चारों एकसाथ बोले…..
हां …सही सुना…. ये घर मेरी और सुधा की मेहनत से बना है ये हमारा घर है ….
तुम नालायकों का नही ….और हां अपनी स्वेच्छा से मे इसमें एक आश्रम खोल रहा हूं हमारे जैसे बूढो के लिए जिनकी औलाद तुम्हारे जैसी निकम्मी होती है ….मैंने पहले ही वसीयत बनावा ली थी जानता था तुम्हारी नजर इस घरपर है …..
तुम्हारे वर्ताव और बदले हुए रुख से जान गया था मगर एक उम्मीद थी शायद तुम सुधर जाओ मगर …..
जो बच्चे इस घर को बेचने के बाद भी अपने मां बाप को ओल्ड एज होम मे अकेले मरने को छोडने पर आमदा हो वो इस लायक नहीं की हमारे इस घर मे रहे …
वकील द्वारा नोटिस भी तुम्हें जल्द ही मिल जाएगा ……
कलतक तुम्हें ये घर खाली करना होगा समझे…..
अब चारों बेटे बहुऐ शर्मिंदगी से सिर झुकाए खडे थे ….
उस रात दोनों बुजुर्ग मोहन जी और सुधा जी रात को हाथ में हाथ डाले चांद की रोशनी में, गहरी नींद में सोये…
दोनो के चेहरे पर पहली बार असीम शांति थी……
एक दोस्त की प्ररेणादायक रचना
Source:- FB-RadhyMohan
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